Chai Ki Kheti Kaise Karen : चाय की खेती कैसे करें

Chai Ki Kheti Kaise Karen : चाय की खेती कैसे करें

वर्तमान में भारत विश्व का सबसे प्रमुख चार उत्पादन करने वाला देश है चाय एक हल्का सफूर्ति दायक उष्म पेय है यह एक झाड़ी की पत्तियों को सुखाकर प्राप्त की जाती है यह एक प्रकार का प्रमुख मुद्रादायनी फसल है असम में जंगली रूप में इसकी पैदावार पर प्राचीन समय से होती रही है किंतु व्यापारिक स्तर पर पहली बार परीक्षण के तौर पर अंग्रेजों द्वारा इस सन 1834 में उगाया गया था वर्तमान में भारत विश्व का सबसे प्रमुख चार उत्पादन करने वाला देश है आज के इस लेख में आप सभी को हम चाय का उत्पादन करने के बारे में संपूर्ण जानकारी इस लेख में देने वाले हैं तो इसलिए को अंत तक पढ़े

भारत विश्व का अग्रणी चाय उत्पादक देश है इस समय देश में 7500 चाय के बगीचे हैं यहां कोई 13 लाख हैक्टेयर भूमि पर चार उगाई जाती है और प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख तन चाय का उत्पादन होता है भारत न केवल विश्व का सबसे मुख्य चार उत्पादक देश है यहां पर चाय की खेती जोरों शोरों से की जाती है भारत न केवल विश्व का सबसे मुख्य चाय उत्पादक देश या पिठू या सबसे बड़ा उपभोक्ता तथा निर्यातक भी है भारत में चाय की उत्पादकों में भारत से सबसे अधिक निर्यात विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है भारत चाय की खेती के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

Chai Ki Kheti Overview 

Post Type Information
Name Of Information Farming
Crops Name Tea
Location India
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चाय के उत्पादन की दशाएं

चाय उसे तथा उपोषण जलवायु का पौधा है वर्ष तथा अन्य सुविधा प्राप्त होने पर यह 45 डिग्री से 50 डिग्री अक्षांशों तक भी सफलतापूर्वक पैदा की जा सकती है इसकी उपज के लिए बहुत ही आवश्यक है

चाय की खेती करने के लिए आवश्यक तापमान

चाय एक छायाप्रिया पौधा है हल्की छाया में इसका अच्छा विकास होता है सामान्यतः इसके लिए 25 डिग्री से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है कम तापमान 18 डिग्री सेंटीग्रेड में भी या पैदा हो सकता है किंतु उचित तापमान इससे अधिक अनुकूल होते हैं असम में 37 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान वाले भागों में भी चाय का उत्पादन होता है

चाय की खेती करने के लिए आवश्यक वर्षा

चाय की कृषि के लिए भारी वर्षा की आवश्यकता होती है इसको 150 से 200 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा चाहिए चाय की झड़ी बहुत सहनशील होता है और यह पाले को सहन कर लेती है किंतु ओले और ठंडी हवाएं इसके लिए हानिकारक होती है इसी तरह लंबा सुख मौसम भी इसके लिए हितकर होता है इसके लिए समान रूप से वितरित वर्षा अच्छी रहती हैं

चाय की खेती के लिए आवश्यक भूमि

चाय के लिए ढलू भूमि का विशेष महत्व है चाय के पौधों के विकास के समय जड़ों में पानी का एकत्रित होना हानिकारक होता है यही कारण है कि सामान्यत चाय के बगीचे समुद्र तल से 600 से 1800 मीटर ऊंचे पहाड़ी पर लगाए जाते हैं भूमि के डालो होने पर न केवल पानी का अपितु ढालो का संचार भी भली प्रकार से होता है

चाय की खेती करने के लिए आवश्यक मिट्टी

चाय के लिए मिट्टी का जितना महत्व है अन्य किसी भी फसल के लिए नहीं होता चाय का स्वाद और गंध मिट्टी पर निर्भर करता है और स्वाद के आधार पर ही चाय का मूल्य निर्धारण होता है सामान्यतः चाय के लिए हल्की की बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है जिसमें पर्याप्त मात्रा में चुनाव फास्फोरस लोहा पोटाश तथा जीवन्स पाया जाता है

चाय की खेती के लिए सस्ते श्रमिक

चाय की कृषि में सस्ते श्रमिकों का भी बड़ा महत्व है चाय का पौधा लगाने उसकी निराई काट छांट तथा पत्तियां चुने और उन्हें सुखाने में काफी श्रमिकों की आवश्यकता होती है अतः सस्ते श्रमिकों का चाय की खेती में विशेष महत्वपूर्ण होता है

चाय की खेती के लिए आवश्यक खाद

चाय की अच्छी पैदावार के लिए खाद देने की भी आवश्यकता रहती है इसमें अमोनियम सल्फेट हड्डी का चूरा कंपोस्ट एवं हरी खाद दी जाती है

चाय की खेती करने के लिए उत्पादक क्षेत्र

भारत में चाय का उत्पादन क्षेत्र मुख्यतः उत्तर पूर्वी भारत उत्तर भारत दक्षिण भारत में फैला हुआ है उत्तर पूर्वी तथा उत्तरी क्षेत्र हिमालय के ढालो पर तथा दक्षिणी क्षेत्र निलगिरी इलायची वह पश्चिमी घाट पर विस्तृत है भारत में चाय के लगभग 13256 बागान है जिनका कुल क्षेत्रफल लगभग 4 लाख हेक्टेयर है यहां चाय मुख्ता असम पश्चिम बंगाल तमिलनाडु के त्रिपुरा हिमाचल प्रदेश का नाटक एवं उत्तर प्रदेश में पैदा की जाती है

चाय की खेती करने के लिए उत्पादन तथा व्यापार

भारत विश्व का अग्रणी चाय उत्पादक देश है इस समय देश में 7500 चाय के बगीचे हैं यहां कोई 13 लाख हैक्टेयर भूमि पर चार उगाई जाती है और प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख तन चाय का उत्पादन होता है भारत न केवल विश्व का सबसे मुख्य चार उत्पादक देश है अपितु या उसका सबसे बड़ा उपभोक्ता तथा निर्यातक भी है कृषि उत्पादों मैं चाय के निर्यात से भारत को सबसे अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त होता है भारत अपने यहां से कोई 80 देश को चाय का निर्यात करता है ब्रिटेन जर्मनी हॉलैंड रूस कनाडा संयुक्त राज्य अमेरिका ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड इराक इराक कुवैत मित्र हमारी चाय के मुख्य ग्राहक है भारतवर्ष मिशन 2016 से 17 में 12 लाख तक चाय का उत्पादन और 530078 करोड रुपए को चाय निर्यात होने का अनुमान है

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