Kapas Ki Kheti Kaise Karen : कपास की खेती कैसे करे
कपास एक पौधे का रेशा है जो वस्त्र बनाने के लिए अत्यंत उपयोगी है इसी उपयोगिता के कारण भारत में इसकी खेती अति प्राचीन समय से होती आ रही है भारत में यह पौधा 327 ईसा पूर्व यूनान से पहुंचा और फिर चीन तथा अन्य देशों में इसका प्रसार हुआ कपास भारत की आज भी महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल है देश में लगभग 108 लाख हैक्टेयर भूमि पर कपास पैदा किया जाता है विश्व के कपास उत्पादक देश में भारत का चौथा स्थान है इस लेके द्वारा आप सभी को कपास की खेती करने के बारे में संपूर्ण जानकारी बता रहे हैं
भारत में 1943 से अधिक सूती मिले हैं अतः यहां कपास की घरेलू खपत उत्पादन अधिक है इसलिए भारत को लंबे रेशे की अच्छी किस्म की कपास का आयात करना पड़ता है भारत अपने यहां रुई का आयात मुख्यतः मिस्र सूडान एवं संयुक्त राज्य अमेरिका से करता है भारत अपने यहां से छोटे रेशे की हुई का जापान ब्रिटेन जर्मनी फ्रांस बेल्जियम हॉलैंड ऑस्ट्रेलिया इत्यादि देशों को निर्यात भी करता है जिससे वह ऊनी वस्त्रो का प्रयोग करते हैं इसलिए के द्वारा आप सभी को कपास की खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी बताई जा रही है कपास की खेती के लिए क्या-क्या चीजों की आवश्यकता होती है
Kapas Ki Kheti Overview
Post Type | Information |
Name Of Information | Farming |
Crops Name | Cotton |
Location | India |
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कपास की उपज की दशाएं
कपास उष्णकटिबंधीय पौधा है भारत में यह खरीफ की फसल के साथ पैदा होता है इसकी पैदावार के लिए आवश्यक तापमान मिट्टी जल इत्यादि चीजों की जरूरत पड़ती है
कपास की खेती करने के लिए आवश्यक तापमान
कपास की उपज के लिए 20 डिग्री से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता पड़ती है किंतु यह 39 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान वाले भागों में भी पैदा किया जा सकता है कपास की अच्छी उपज के लिए डोंडो के पटे समय खुली धूप एवं स्वच्छ आकाश की आवश्यकता होती है इस समय वर्षा और कोर हानिकारक होता है पल और ओला भी इस फसल को हानि पहुंचाते हैं अतः इसे 200 दिन लंबा पाला रहित मौसम चाहिए कपास की चुनाई के समय भी आकाश स्वच्छ और मौसम शुष्क होना चाहिए
कपास की खेती करने के लिए आवश्यक वर्षा
कपास के लिए साधारणता 50-100 सेंटीमीटर वर्षा आवश्यक होता है किंतु 40 से 150 सेमी वर्षा वाले भागों में भी इसे पैदा किया जा सकता है 50 सेंटीमीटर से कम वर्षा वाले भागों में इसे सिंचाई की आवश्यकता होती है
कपास की खेती करने के लिए आवश्यक मिट्टी
कपास की खेती कई प्रकार की मिशन में की जाती है किंतु इसके लिए आद्रतापूर्ण काली चिकनी मिट्टी अधिक लाभप्रद होती है क्योंकि इसके पौधे को अधिक आद्रता की आवश्यकता होती है इसके लिए लव की काली मिट्टी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है या कछारी दोमट मिट्टी तथा लाल पथरीली मिट्टी में भी भली प्रकार पैदा होता है चुनाव युक्त वह अधिक ह्यूमस वाले मिट्टियां कपास के पौधे के लिए विशेष रूप से अच्छी होती है
कपास की खेती करने के लिए आवश्यक भूमि
कपास की खेती करने के लिए सामान्यतः समतल भूमि या ढलान वाली भूमि पर सबसे अच्छी होती है या अच्छे जल निकास वाले क्षेत्र है ऐसे क्षेत्रों में मशीनरो का उपयोग आसानी से किया जा सकता है
कपास की खेती करने के लिए सस्ते श्रमिक
कपास की खेती में बोने, निराने एवम कपास चुनने के लिए सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है कपास के पौधे में जब फूल निकालकर बड़े होने लगते हैं तो उन्हें तुरंत चुन लेना आवश्यक होता है अन्यथा फुल खराब होकर गिरने लगता है इसका फल अधिकतर स्त्रियों द्वारा ही चुना जाता है कपास की फसल की तीन चार बार चुनाव होती है इस प्रकार कपास की खेती में पर्याप्त श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है
कपास की खेती करने के लिए आवश्यक खाद
कपास की फसल में मिट्टी शीघ्र कमजोर हो जाती है इसलिए इसको खाद देने के आवश्यकता पड़ती है खाद के प्रयोग में इसकी पैदावार को बढ़ाया जा सकता है जो नीचे बताया गया है
- यूरिया
- डीएपी
- एमओपी
- सल्फर
- सूक्ष्म पोषक तत्व
- नीमकेक इत्यादि
कपास की किस्में
कपास की किस एम उसकी धागे की मजबूती सूक्ष्मता रंग चमक और मोटाई और प्रतिशतता पर निर्भर करता है भारत में कपास की कई किस्म पैदा की जाती है जिसमें बंगाल ,अमेरिकन, भडूच, कंबोडिया, कोमिला एवम चेन्नई आदि प्रमुख है कपास कृषि की लंबाई के अनुसार भी तीन किसमे होती है (1)छोटे रेशे वाली- इसमें रेशे की लंबाई 25 मिलीमीटर से कम होता है (2) लंबे रेशे वाली – इसमें रेशे की लंबाई 40 मिलीमीटर से अधिक होता है और (3) मध्य रेशे वाले इसमें रेशे की लंबाई 25 से 40 मिलीमीटर तक होती है
कपास की खेती के लिए उत्पादन क्षेत्र
भारत में करीब 108 हेक्टेयर भूमि पर कपास पैदा की जाती है तथा प्रति हेक्टेयर उत्पादन 513 किलोग्राम होने की संभावना है कि तू कपास की खेती का यह क्षेत्र दिख रहा है कपास के उत्पादन की दृष्टि से दक्षिण की काली मिट्टी का प्रदेश बड़ा महत्वपूर्ण है देश के कुल उत्पादन की दो तिहाई कपास दक्षिण भारत से और शेष उत्तर भारत से प्राप्त होता है भारत में महाराष्ट्र गुजरात पंजाब हरियाणा कर्नाटक आंध्र प्रदेश तेलंगाना राजस्थान मध्य प्रदेश व तमिलनाडु प्रमुख उत्पादक राज्य है
कपास की खेती का उत्पादन एवं व्यापार
भारत में विश्व के कुल कपास क्षेत्र के 23% भाग में कपास पैदा होता है किंतु उत्पादन केवल 8.2% ही होता है इसका मुख्य कारण यहां प्रति हेक्टेयर उत्पादन की कमी है या प्रति हेक्टेयर कपास का औसत उत्पादन 513 किलोग्राम की है जबकि मिस्र में यह 560 किलोग्राम तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में 520 किलोग्राम है आजकल भारत में लगभग 108 लाख हैक्टेयर भूमि में कपास बोई जाती है और उत्पादन 326 लाख गांठ होने का अनुमान है भारत 1943 से अधिक सूती मिले हैं अटैक यहां कपास की घरेलू खपत उत्पादन अधिक है इसलिए भारत को लंबे रेशे की अच्छी किस्म की कपास का आयात करना पड़ता है
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